कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने एनडीआरएफ और जिला अधिकारियों के साथ प्राकृतिक आपदा प्रबंधन पर चर्चा की
1 min readकलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने एनडीआरएफ और जिला अधिकारियों के साथ प्राकृतिक आपदा प्रबंधन पर चर्चा की
मॉक ड्रिल 14 नवंबर को दोपहर 12 बजे सरोदा डेम पर आयोजित की जाएगी
Lok seva news 24 Bureau Chief – Digvendra Gupta
कवर्धा, 13 नवम्बर 2024। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में एनडीआरएफ की टीम के साथ प्राकृतिक आपदा एवं रेस्क्यू के संबंध में टेबल टॉक किया। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने जिले में प्राकृतिक आपदा के समय बचाव के लिए किए जाने वाले कार्यों के संबंध चर्चा की। इस दौरान एनडीआरएफ के अधिकारियों ने मॉक ड्रिल के दौरान बचाव कार्य के संबंध में जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि कल 14 नवंबर को दोपहर 12 बजे सरोदा डेम में मॉक ड्रिल किया जाएगा। जिसमे प्राकृतिक आपदा एवं रेस्क्यू टीम से संबंधित सभी अधिकारी मॉक ड्रिल में उपस्थित रहेंगे। बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्री आरबी देवांगन, तहसीलदार श्री परमेश्वर मंडावी, सुश्री राजश्री पाण्डेय, सहित एनडीआरएफ की टीम जिले के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने आपदा के समय बचाव कार्यों के समन्वय के महत्व पर जोर दिया और कहा कि जिले के सभी अधिकारी और कर्मचारी आपदा के दौरान तत्परता से कार्य करें। एनडीआरएफ के अधिकारियों ने इस अवसर पर मॉक ड्रिल के महत्व और कार्यप्रणाली की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल के माध्यम से विभिन्न आपात स्थितियों का पूर्वाभ्यास किया जाता है, जिससे वास्तविक आपदा के समय कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके।
बैठक में बताया गया कि कल दोपहर 12 बजे सरोदा डेम पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल में जिले के सभी अधिकारी और संबंधित विभागों की टीमें उपस्थित रहेंगी। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम विभिन्न आपात स्थितियों में रेस्क्यू ऑपरेशन का प्रदर्शन करेगी। मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा के समय बचाव कार्यों में शामिल टीमों के बीच समन्वय को सुदृढ़ करना और उनकी तैयारी को परखना है। इस अवसर पर एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान आपदा प्रबंधन की बारीकियों को समझने का अवसर मिलेगा। सभी टीमों को इस अभ्यास के दौरान विभिन्न रेस्क्यू तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि भविष्य में आने वाली किसी भी आपदा के समय तत्काल और प्रभावी तरीके से राहत कार्य किया जा सके।