ग्राम भेदली में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
1 min readग्राम भेदली में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
Lok seva news 24 Bureau Chief – Digvendra Gupta
कवर्धा, 26 नवंबर 2024। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के नशा मुक्त भारत अभियान के तहत शिव मंगल महिला समिति दुर्ग और समाज कल्याण विभाग कवर्धा शाखा द्वारा संचालित भोरमदेव नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र की टीम ने ग्राम भेदली के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
जागरूकता कार्यक्रम में बच्चों को नशे से होने वाले नुकसान और नशा न करने के लाभ के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, एक जागरूकता रैली, नशा मुक्ति पर आधारित रंगोली और चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन गतिविधियों में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में बच्चों को यह भी सिखाया गया कि वे नशे से कैसे बचें और अपने परिवार तथा समुदाय को नशा मुक्त जीवन के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, भोरमदेव नशा मुक्ति केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली निःशुल्क सेवाओं की जानकारी दी गई।
नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई
सभी छात्रों और शिक्षकों ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत शपथ ली कि वे न केवल स्वयं नशा से दूर रहेंगे, बल्कि अपने परिवार, गांव और मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रधानपाठक श्री प्यारे सिंह राजपूत, शिक्षिका श्रीमती वर्षा मानिकपुरी और शिक्षक श्री दशरथ निर्मलकर उपस्थित रहे। भोरमदेव नशा मुक्ति केंद्र की ओर से परियोजना समन्वयक श्रीमती अर्चना निशांत यादव के साथ टीम के अन्य सदस्य भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
नशे के दुष्प्रभावों पर जानकारी
जागरूकता कार्यक्रम में बताया गया कि नशे की लत, जैसे अफीम, चरस, गांजा, हेरोइन, कोकेन आदि नशीले पदार्थों का सेवन, व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाता है। यह पारिवारिक तनाव और सामाजिक विघटन का कारण बनता है।
भोरमदेव नशा मुक्ति केंद्र
ग्राम सैगोन में स्थित भोरमदेव नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र द्वारा नशा छुड़ाने के लिए निःशुल्क सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इस अवसर पर केंद्र की अध्यक्ष श्रीमती शोभना यादव और परियोजना समन्वयक श्रीमती अर्चना यादव के मार्गदर्शन में जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम ने बच्चों और शिक्षकों को नशा मुक्ति की दिशा में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया।