विष्णुदेव साय के सुशासन में आघनिया बाई को मिला सहारा महतारी वंदन योजना ने बदल दी जिंदगी
1 min readविष्णुदेव साय के सुशासन में आघनिया बाई को मिला सहारा
महतारी वंदन योजना ने बदल दी जिंदगी
Lok seva news 24 Bureau Chief – Digvendra Gupta
कवर्धा 7 दिसंबर 2024। कवर्धा विकासखंड के छोटे से गांव लिमो में रहने वाली 60 वर्षीय आघनिया बाई का जीवन कठिनाइयों और संघर्षों की मिसाल है। लगभग एक दशक पहले उनके पति का निधन हो गया, जिससे परिवार की समस्त जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। यह दौर उनके लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण था। इस कठिन समय में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की महतारी वंदन योजना उनके जीवन में एक नई उम्मीद बनकर आई। जिससे परिवार को नया आर्थिक सहारा मिला। अब आघनिया बाई का परिवार खुशी से अपना जीवन बिता रहे है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत आघनिया बाई और उनकी बहू को हर महीने एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलने लगी है। इस सहयोग ने न केवल उनके घर के खचों को संभालने में मदद की, बल्कि खेती के लिए भी अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए।
आर्थिक सहायता मिलने के बाद आघनिया बाई ने अपनी दो एकड़ जमीन पर खेती को बेहतर तरीके से प्रारंभ किया। अच्छी बीज और खाद का उपयोग करते हुए उन्होंने धान की खेती को नयी दिशा दी। परिणामस्वरूप उनकी फसल में सुधार हुआ और परिवार की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे स्थिर होने लगी। आघनिया बाई बताती हैं कि संसाधनों की कमी और आर्थिक तंगी के कारण दो एकड़ जमीन पर खेती करना और परिवार का पालन-पोषण करना पहले असंभव सा कार्य लगता था। उनके बेटे ने मजदूरी का सहारा लिया, लेकिन उसकी कमाई से परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही थीं। दिन-ब-दिन बिगड़ती स्थिति ने परिवार को हताश कर दिया था। ऐसे में महतारी वंदन योजना उनके लिए संजीवनी सिद्ध हुई।
आघनिया बाई बताती है कि मेरे पति के जाने के बाद जीवन बहुत कठिन हो गया था। कई बार तो ऐसा लगता था कि सब कुछ खत्म हो गया है। लेकिन सरकार की इस योजना ने हमें फिर से जीने का हौसला दिया। आज उनका बेटा मजदूरी के साथ खेती में भी सहयोग करता है। उनकी मेहनत और सरकार की मदद से परिवार की फसल बेहतर हो रही है और घर का गुजारा सुचारू रूप से चल रहा है। आघनिया बाई मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उनकी सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं यह योजना हमारे जीवन को नई रौनक देने वाली साबित हुई है। आघनिया बाई का संघर्ष और साहस यह प्रमाणित करता है कि सही समय पर मिली सहायता किसी के जीवन को पूरी तरह बदल सकती है। उनके प्रयास और शासन की योजना के सहयोग से उनका परिवार अब आत्मनिर्भर हो रहा है। उनका यह सफर न केवल उनके गांव लिमो बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन गया है।