कलेक्टर ने किया किसानों के खेतों तक पहुंचकर रकबा-खसरा सत्यापन कार्य का निरीक्षण
1 min readजिला जनसंपर्क कार्यालय मुंगेली (छ.ग.)
समाचार
कलेक्टर ने किया किसानों के खेतों तक पहुंचकर रकबा-खसरा सत्यापन कार्य का निरीक्षण
lok seva news 24 Bureau Chief – Digvendra Gupta
मुंगेली 28 अक्टूबर 2024// शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री राहुल देव ने आज विकासखंड मुंगेली के ग्राम खपरी में किसानों के खेत तक पहुंचकर जिले में चल रहे रेंडम रकबा-खसरा सत्यापन कार्य का निरीक्षण किया और रकबा सत्यापन की पूरी प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने किसान श्री साहिद खान के खेत में जाकर वास्तविक रकबे का खसरा एवं नक्शा से मिलान कर सत्यापन किया और अपने समक्ष पंचायत सचिव से धान व रकबा का भौतिक सत्यापन एप में एंट्री कराया। कलेक्टर ने शासन के निर्देशानुसार खसरा क्रमांक एवं वास्तविक रकबे में लगाए गए फसल की सही जानकारी दर्ज कर ऑनलाईन प्रविष्टि को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि रकबे के आधार पर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर किसानों को लाभ दिया जाता है। इसके लिए वास्तविक कृषक, उनके सही रकबे व उसमें लगाई गई फसल का सत्यापन होना आवश्यक है। यह शासन के दृष्टिकोण एवं किसानों के लिए बेहतर है। इस कार्य के लिए राजस्व अधिकारियों को बेहतर सत्यापन करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कोचियों एवं बिचौलियों के झांसे में नहीं आने की अपील की। गौरतलब है कि किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 15 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। इसके पूर्व किसानों की फसलों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी पटवारियों को सौंपी गई है। इसके तहत पटवारी द्वारा गिरदावरी के अनुसार जिस खसरा नंबर भूमि पर धान बोया गया है, वहां जाकर फसल के साथ वे अपनी लाइव फोटो लैटिट्यूड एवं लांगीट्यूड के साथ खींचकर उसे विभाग के पीवी एप में अपलोड कर रहे हैं। पटवारी को भौतिक सत्यापन के लिए चयनित गांव में जाकर एप के जरिए खसरा नंबर की फसल का अलग-अलग कोण से अपनी फोटो के साथ दो फोटो खींचनी है। इन फोटो को गांव के नाम के साथ एप में अपलोड करना है। कलेक्टर ने कहा कि यह कार्य शासन की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने इस कार्य में जुटे अधिकारियों को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर खाद्य एवं राजस्व अधिकारी मौजूद रहे।