खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर ग्रामीणों को करें जागरूक : कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा
1 min readखेतों में पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर ग्रामीणों को करें जागरूक : कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा
खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश
गौवंश हेतु चारे की व्यवस्था के लिए पैरा एकत्रित करने पर जोर
Lok seva news 24 Bureau Chief – Digvendra Gupta
कवर्धा, 29 नवंबर 2024। गौवंश के लिए पर्याप्त चारा की व्यवस्था करते हुए पर्यावरण को होने वाले संभावित नुकसान से बचने के लिए जिले के किसानों को खेतों में पराली जलाने से रोकने हेतु जागरूक करने के निर्देश कलेक्टर कबीरधाम श्री गोपाल वर्मा द्वारा दिए गए। जिसके परिपालन में सीईओ जिला पंचायत श्री अजय कुमार त्रिपाठी द्वारा सभी सीईओ जनपद पंचायत को पत्र जारी कर इस संबंध में त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।उल्लेखनीय है की खेतों में धान के फसल की कटाई के बाद बड़ी मात्रा में पैरा निकलता है जिसे बहुत से किसान उपयोग नही करते हुए अपने खेतों में जला देते हैं। जिसके कारण पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है एवं गौवंश के लिए साल भर चारे की समस्या बनी रहती है। इन्हीं स्थितियों को देखते हुए सीईओ जिला पंचायत श्री त्रिपाठी ने जनपद पंचायत कवर्धा, बोडला, स.लोहारा एवं पंडरिया को निर्देशित करते हुए कहा कि वह अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिवों का ध्यान इस ओर आकर्षित कर समुचित कार्रवाई करें।
ग्राम पंचायत स्तर पर लगातार मुनादी कराते हुए खेतों से निकले पैरा को एकत्रित कर गौठान या अन्य सुरक्षित स्थानों में रखने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करें। इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि ग्रामीण परिवारों में गौवंश होता है जिसके लिए साल भर चारे की व्यवस्था करनी पड़ती है। जागरूकता के अभाव में किसान अपने खेतों से निकले हुए पैरा को चारे के रूप में नहीं रखकर जला देता है। ऐसा करने से जहा एक ओर साल भर पशुधन के लिए चारे की व्यवस्था में कमी आती है तो वहीं दूसरी ओर पराली जलाने से पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है। यदि सभी ग्रामीण एवं किसान भाई पैरा को सुरक्षित स्थान में अथवा गौठान में एकत्रित कर रखेंगे तो इस समस्या का समाधान हो जाएगा। लेकिन इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि सभी ग्रामीणों को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जाए।सरपंच एवं सचिव के माध्यम से मुनादी कराए जाने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं एवं जिले के सभी ग्रामीण भाई और बहनों से अपील की जाती है कि वह पराली को न जलाते हुए उसे सुरक्षित स्थानों पर एकत्रित करें।