गौ तस्करों को पकड़ने निकले गौ रक्षक की हादसे में मौत, शंकराचार्य ने पहुंचाई परिवार को आर्थिक मदद
1 min read20-05-2024
गौ तस्करों को पकड़ने निकले गौ रक्षक की हादसे में मौत, शंकराचार्य ने पहुंचाई परिवार को आर्थिक मदद
मदद• गणेश नगर का रहने वाला था मृतक करन यादव, शंकराचार्य ने अपने शिष्य को भेजा घर
लोक सेवा न्यूज़ 24 रिपोर्टर
बिलासपुर / मुंगेली न्यूज़ 20 मई 2024// छत्तीसगढ़ में तो लगातार गौ तस्करी की घटना बढ़ती ही जा रही है। इसकी वजह से स्थानीय लोगों और गौ सेवक संगठनों द्वारा गौ माता तस्करी रोकने का प्रयास अपनी जान जोखिम में डालकर करते रहते हैं। बीते दिनों एक गौ तस्कर को पकड़ने निकले एक युवक की हादसे में मौत हो गई। इसकी जानकारी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी को मिली तो उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाई।
बता दें कि बीते दिनों 4 मई को बिलासपुर गणेश नगर निवासी करन यादव को सूचना मिली थी कि मुंगेली होते हुए गौ-तस्कर पंडरिया के रास्ते मध्यप्रदेश की ओर जा रहे हैं। इस पर करन उसका पीछे करने बाइक से निकला था। इसी दौरान उसकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई और वह बुरी तरह से जख्मी हो गया। अस्पताल पहुंच पाता इससे पहले ही करन की मौत हो गई। इसकी जानकारी शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
सरस्वती जी मिली। परिवार ने तीर्थकों के कार्यों के लिए आर्थिक मदद की मांग की थी। इस पर शंकराचार्य जी ने अपने प्रतिनिधि के रूप में अपने शिष्य उमंग पाण्डे को उनके घर भेजकर भेज आर्थिक मदद पहुंचाई।
शंकराचार्य के आदेश पर मदद देने पहुंचे शिष्य व पीड़ित परिवार।
सरकार से परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग
शिष्य उमंग पांडेय ने बताया कि उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर शंकराचार्य जी का संदेश दिया और शंकराचार्यजी का चलचित्र भेंट कर आर्थिक मदद की है। साथ ही परिजन का आश्वासन दिया कि करन यादव सहित हर गौ-रक्षक परिवार के साथ शंकराचार्य का हर सदस्य खड़ा है। साथ ही सरकार से भी मांग करेंगे कि परिवार के सदस्य को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी राज्य सरकार दें।
मां और बहन का इकलौता सहारा था
करन अपने माता-पिता का इकलौता लड़का था। वहीं उसके पिता भी अब इस दुनिया में नहीं है। उनके घर की आर्थिक हालत बहुत ज्यादा खराब है। वह किराए के घर पर रहते हैं। वहीं करन की 10 वर्षीय छोटी बहन भी है। ऐसे में करन की मौत से उसकी मां पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मां को बेटी के पालन पोषण की चिंता भी सता रही है।