उपवास के पांच फायदे… शरीर और मन में नई ऊर्जा जाग्रत करते हैं, बीमारियों से बचाते हैं…
1 min readइत्यं यदा-यदा बाधा दानवोत्था भविष्यति। तदा तदावर्तीयाहं करिष्याम्यरिसंक्षयम् ॥
यानी… जब-जब संसार में दानवी बाधा उपस्थित होगी, तब-तब मैं अवतार लेकर उनका संहार करूंगी।
लोक सेवा न्यूज़ 24सम्पादक दिग्वेंद्र गुप्ता
नवरात्र प्रारम्भ
उपवास का महत्व… व्रत सेहत के लिए फायदेमंद… उम्र बढ़ाते हैं और तनाव घटाते हैं
डॉ. एसके सरीन
निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बैलियरी साइंसेज, नई दिल्ली
नवरात्र में व्रत-उपवास की परंपरा है। उपवास शरीर और मन दोनों को प्रभावित करते हैं। वैसे स्वस्थ जीवन के लिए रोज लगातार 12 से 14 घंटे का ऐसा समय होना चाहिए जब आप कुछ न खाएं। साथ ही महीने में एक बार पूरे दिन यानी 24 घंटे उपवास भी सेहत के लिए फायदेमंद है। जानते हैं व्रत के फायदे और ध्यान रखने की कुछ जरूरी बातें-
उपवास के पांच फायदे… शरीर और मन में नई ऊर्जा जाग्रत करते हैं, बीमारियों से बचाते हैं…
1. उम्र बढ़ाते हैं उपवास उपवास से शरीर में अच्छे बैक्टीरिया की
संख्या बढ़ने लगती है। ये बैक्टीरिया शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं। उपवास से खराब बैक्टीरिया कम होने लगते हैं। उपवास से वजन घटता है। उम्र बढ़ती है।
2. शरीर में सूजन व क्षति कम होगी
उपवास से शरीर में हार्मोनल चेंज आते हैं। ये हार्मोनल ग्रोथ से संबंधित परिवर्तन हैं। मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। शरीर को इंसुलिन की जरूरत कम पड़ती है। खाना कम होगा तो इंसुलिन कम पैदा होगा। इंसुलिन कम होने से शरीर में इन्फ्लामेशन (सूजन व क्षति) कम हो जाएगा।
उपवास में इन बातों का रखें ध्यान
* उपवास में तरल पदार्थ ज्यादा लें। पानी ज्यादा पिएं। कम से कम आठ गिलास यानी लगभग दो लीटर पानी फायदेमंद रहेगा।
* अगर आप व्रत के नौ दिनों में फलाहार करते हैं तो आपको लो कैलोरी वाले फल या डाइट लेनी चाहिए। जैसे सेब, अमरूद, पपीता ले सकते हैं। इन फलों से शरीर को जरूरी ऊर्जा मिलती
. आंतों में लेयर बनने लगती है
3. उपवास से आंतों के अंदर नई लेयर बनने लगती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी निर्धारित अंतराल पर भोजन करने से सेहत में बहुत अंतर नहीं आता। लेकिन उपवास में सादे खाने के साथ वक्त भी तय होता है। यह ज्यादा फायदेमंद है।
रहती है। खाने के बीच 4 से 6 घंटे का अंतर जरूर रखें। • एक महीने, नौ दिन या एक दिन का भी उपवास कर रहे हैं तो सूखे मेवे बादाम, अखरोट, काजू ले सकते हैं। अगर एक समय भोजन करते हैं तो मोटा अनाज खाएं। स्प्राउट, ब्लैक या ब्राउन राइस भी खा सकते हैं। सिंघाड़े
का आटा भी शामिल कर सकते हैं। • यदि क्रॉनिक किडनी की बीमारी, कैंसर हो या गर्भवती हों तो उपवास से परहेज करें। डायबिटीज अनियंत्रित है तो भी उपवास नहीं करना चाहिए।
लंबे समय तक पूर्ण उपवास से गॉल ब्लैडर में स्टोन का खतरा रहता है।
4. तनाव और चर्बी घटाते हैं
यदि आप उपवास करते हैं तो स्ट्रेस हार्मोन कम स्रावित होता है। इससे तनाव कम हो जाता है। फास्टिंग में कॉर्टिसोल का स्तर नियंत्रित होता है। फास्टिंग से शरीर की चर्बी बर्न होती है। ब्लड शुगर का स्तर भी घटना शुरू हो जाता है।
5. ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है
शरीर में ऑक्सीजन कम होती है तो उपवास से बढ़ने लगती है। आंतें बेहतर हो जाती हैं। इससे उम्र बढ़ती है। इच्छा शक्ति मजबूत होती है। जिनका ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है यदि वे व्रत करें तो ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहने लगता है। बैक्टीरिया का संक्रमण कम हो जाता है।