कृषि विज्ञान केन्द्र में भगवान श्री बलराम जयंती, किसान दिवस का किया गया आयोजन गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
1 min readकृषि विज्ञान केन्द्र में भगवान श्री बलराम जयंती, किसान दिवस का किया गया आयोजन
गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
lok seva news 24 Bureau Chief – Digvendra Gupta
कवर्धा, 09 सितंबर 2024। कृषि विज्ञान केन्द्र मे आज भगवान श्री बलराम जयंती और किसान दिवस के अवसर पर प्राकृतिक एवं गौ आधारित खेती पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भगवान श्री बलराम के तैलचित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत डॉ. बी.पी. त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा पुष्पगुच्छ से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय किसान संघ के संरक्षक श्री दानेश्वर सिंह परिहार, अधिष्ठाता, संत कबीर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र डॉ. राजीव श्रीवास्तव, श्री जीवन लाल यादव एवं भारतीय किसान संघ के सदस्य एवं अधिक संख्या में जिले के कृषक उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री जीवन लाल यादव ने भगवान बलराम के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. राजीव श्रीवास्तव, अधिष्ठाता ने प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने वर्तमान परिदृश्य में कृषि की चुनौतियों से अवगत कराते हुए कहा कि वर्तमान कृषि पद्धति में रासायनिक उर्वरको एवं कीटनाशकों आदि के कारण मृदा स्वास्थ, मानव एवं पशुओ के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। जिसके कारण विभिन्न प्रकार के रोग हो रहे है। इसके दूष्प्रभाव को कम करने के लिए प्राकृतिक खेती कारगर सिद्ध होगी। प्राकृतिक खेती में मुख्य रूप से गौ आधारित उत्पाद जैसे-बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत एवं नीमाशास्त्र आदि का उपयोग किया जाता है। जिससे जमीन में लाभदायक सूक्ष्म जीवो के साथ-साथ केचुओं के संख्या में वृद्धि होती है एवं कृषि लागत में कमी एवं कृषि उत्पादो की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रेश चंद्राकर एवं डॉ. श्याम सिंह ने कृषकों प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर (आत्मा) श्री सुशील वर्मा ने कृषकों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डाला एवं केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा इस दिशा में संचालित योजनाओं की जानकारी दी तथा मैदानी अमलों को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु निर्देशित किये। इस अवसर पर जिले के प्रगतिशील कृषको सहित 100 लोगो ने भाग लिया।