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एक ओर पर्यावरण को दिया जा रहा बढ़ावा दूसरी ओर ईंट भट्ठों में खपाने काट रहे वृक्ष

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एक ओर पर्यावरण को दिया जा रहा बढ़ावा दूसरी ओर ईंट भट्ठों में खपाने काट रहे वृक्ष

किसके संरक्षण मे हो रहा अवैध कार्य पेड़ो की बली देकर कर रहे गाढ़ी कमाई

लोक सेवा न्यूज़ 24 सवांददाता

सूखा नाला नदी किनारे राजनांदगांव कवर्धा मार्ग से 30 मीटर दूरी पर विशालकाय कहुआ, बोहार, नीम, करंज, महुआ सहित अन्य प्रजाति के कई वृक्ष तीन दिनों के अंदर इलेक्ट्रॉनिक आरे से खुलेआम धड़ल्ले से बिना अनुमति के काट दिए गए। ऐसे कारनामे करने वाले लोगों पर कोई कार्यवाही भी नहीं हो रही है। आखिर नदी के किनारे यह वृक्ष शासकीय हैं या निजी इस ओर ध्यान संबंधित विभाग नहीं दे रहा है।
बताया जाता है कि यह सारे कटे वृक्ष लाल ईंट भट्ठे में खपाया जा रहा है। इन दिनों गांव-गांव में लगातार खेतों में खड़े बबूल के बड़ी संख्या में हरे भरे वृक्षों की कटाई की जा रही है। हरे भरे बबूल एवं अन्य प्रजाति के वृक्षों को विद्युत इलेक्ट्रॉनिक आरा से कटाई कर हरा भरा वृक्षों को धराशाई किया जा रहा है। लेकिन संबंधित विभाग खेत, खलिहान व सड़क किनारे कट रहे वृक्षों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लगातार पर्यावरण के दुश्मन लोग

बेजुबान हरे भरे वृक्ष को काटने में तुले हुए हैं।

करोड़ों की कमाई करने का बन रहा जरिया

कई लोग आवासीय मकान, व्यवसायिक कांप्लेक्स बना रहे है। कृषि योग्य भूमि को किसानों से औने पौने दामों पर उनकी भूमि को खरीद कर कई भूमाफिया लोग अवैध प्लाटिंग कर अधिक दामों पर लोगों को बेच रहे हैं। ऐसे कृषि योग्य भूमि में बड़ी संख्या में हरे भरे वृक्ष भी खड़े हैं। 11 केवी लाइन से हुकिंग लगा कर अवैध रूप से विद्युत चोरी कर इलेक्ट्रॉनिक आरा मशीन के माध्यम से बेजुबान हरे भरे वृक्षों को काटा जा रहा है। जहां विद्युत कंपनी को भी
नुकसान उठाना पड़ रहा है। लगातार भूमाफिया लोग प्लाटिंग कर लाखों रुपए डिसमिल के हिसाब से बेच कर करोड़ों की कमाई करने में लगे हुए हैं।

राजनीतिक संरक्षण से हो रहा सारा खेल

यही नहीं कई भूमाफिया लोग कुछ लगानी जमीन खरीद कर उसी जमीन से लगे हुए शासकीय भूमि जो घास जमीन है। उस पर कब्जा कर प्लाटिंग कर भूमाफिया लोग भूखंड को बेच रहे हैं। यही नहीं हरे भरे बबूल के वृक्षों को इलेक्ट्रॉनिक आरा से कटाई कर एवं रातों-रात मुरूम बजरी डालकर प्लाटिंग किया जा रहा है। कहीं ना कहीं ऐसे लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। जिसकी वजह से यह कारोबारी फल फूल रहा है| आखिर इसके पीछे कौन हैं। यह तो समझ से परे है। शासन को इससे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नदी नाले के बजरी एवं शासकीय भूमि व निजी
भूमि के मुरूम की खुदाई कर हाईवा में रातों-रात ढोया जाता है। ऐसे लोगों द्वारा जहां खनिज रायल्टी की खुलेआम चोरी की जा रही है।

बताया जाता है कि पर्यावरण के दुश्मन बने ऐसे लोग बेजुबान वृक्षों को हर रोज काट
रहे हैं। बेजुबान वृक्षों को आखिर कब तक काटते

हरीतिमा टीम दे रही पर्यावरण को बढ़ावा

रहेंगे यह कहा नहीं जा सकता। संबंधित विभाग कुंभकरणी नींद में सोया हुआ है। यही नहीं खुलेआम लोग दिन दहाड़े हरे भरे शासकीय वृक्ष जो चिन्हांकित किए गए हैं। उन्हें निजी आवास एवं व्यवसायिक कांप्लेक्स बनाने वाले लोग बेधड़क होकर कटाई कर रहे हैं। लेकिन इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, पर्यावरण मानव जीवन पद्धति के लिए अति अनिवार्य अंग है इस मिशन को पूरा करने में लगे हरीतिमा टीम द्वारा पर्यावरण को संरक्षण दिया जा रहा है। जहां इस टीम द्वारा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ पर्यावरण के महत्व को ना समझने माफिया पेड़ों की धड़ल्ले से अवैध कटाई कर गाढ़ी कमाई कर रहे हैं।

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Lok Seva News 24

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