आकांक्षी विकासखंड के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र विकास के लिए बुनियादी और मुलभूत ढ़ांचे और समाजिक विकास पर विशेष जोर दें-कलेक्टर
1 min readआकांक्षी विकासखंड के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र विकास के लिए बुनियादी और मुलभूत ढ़ांचे और समाजिक विकास पर विशेष जोर दें-कलेक्टर
बैठक में आकांक्षी विकासखंड के तहत 6 संकेतकों के 40 केपीआई को लक्ष्य कर शासन की सभी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभन्वित करने पर हुई चर्चा
कलेक्टर ने आकांक्षी विकासखण्ड के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास के तहत किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से समीक्षा की
कलेक्टर ने आकांक्षी विकासखंड कार्यक्रम के तहत शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में ली बैठक
लोक सेवा न्यूज़ 24 संपादक -दिग्वेंद्र गुप्ता
कवर्धा, 31 जुलाई 2024। केन्द्र तथा राज्य शासन द्वारा जिले के आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहूल्य बोड़ला विकासखंड के समग्र विकास के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। कलेक्टर श्री जनमजेय महोबे ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आकांक्षी विकासखण्ड कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा कबीरधाम जिले के चयनित बोड़ला विकासखण्ड में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा की। कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में आकांक्षी विकासखण्ड के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास से 40 केपीआई के तहत किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से चर्चा कर जानकारी ली। कलेक्टर श्री महोबे ने कहा कि आकांक्षी विकासखंड बोड़ला में स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग और एनआरएलएम के कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन से निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जाए। इसके लिए एक जुलाई से रेंगाखार से संपूर्णता अभियान का शुभारंभ किया गया है जो 30 सितंबर तक चलेगा। कलेक्टर श्री महोबे ने प्रारंभ में इन 6 संकेतकों के 40 केपीआई को लक्ष्य कर तीन माह में पूरा करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में आकांक्षी विकासखंड के तहत 500 आकांक्षी विकासखंड का चयन किया है। इसमें कबीरधाम जिले के आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहूल्य बोडला विकासखण्ड को आकांक्षी विकासखण्ड के रूप में चयन किया गया है। जिसका उद्देश्य आकांक्षी विकासखंड को विकास के उच्चतम स्तर तक पहुंचाना है। इन क्षेत्रों में शासन की सभी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभन्वित करना है। इसके लिए संपूर्णता अभियान का शुभारंभ किया गया है जिसका उद्देश्य गांवों में समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान शत प्रतिशत एएनसी रजिस्ट्रेशन, संस्थागत प्रसव सहित पोषण आहार के लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग को कार्ययोजना बनाकर अभियान चलाने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओं श्री संदीप कुमार अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री निर्भय साहू, बोड़ला जनपद सीईओं श्री मनीष भारती सहित संबंधित विभाग के अधिकारी, विकासखंड बोड़ला के अधिकारी उपस्थित थे।
आकांक्षी जिला फेलों सुश्री कुमुद मिश्रा ने बताया कि 500 आकांक्षी ब्लॉकों में से बोडला को नीति आयोग के आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के तहत सुपर-60 पीवीटीजी ब्लॉक के रूप में चिन्हांकित किया गया है। जो आकांक्षी जिला कार्यक्रम का विस्तार है। स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास से 40 केपीआई की संतृप्ति की दिशा में काम करते हुए कई आवश्यक कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में, गांव में नियमित वीएचएसएनडी और मासिक धर्म सर्वेक्षण के साथ, झलमला ग्राम पंचायत में एक विशाल स्वास्थ्य और सोनोग्राफी शिविर आयोजित किया गया। जिसमें 120 एएनसी पंजीकृत किए गए, जिनमें से 16 उच्च जोखिम वाली माताओं की पहचान की गई और उन्हें चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई और 75 को यूएसजी कराया गया। मार्च महीने में ब्लॉक को पहली बार सीएचसी पोंडी और पीएचसी कुसुमघाटा के लिए एनक्यूएएस प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
सुश्री मिश्रा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीएचआर वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही 100 से ज्यादा बच्चों को एनआरसी में रेफर करके गंभीर और मध्यम वर्गीय कुपोषण के उन्मूलन की दिशा में भी काम किया जा रहा हैं। बच्चों की पर्याप्त शारीरिक वृद्धि को ट्रैक करने के लिए ब्लॉक में माप दक्षता बढ़कर 99.64 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा, बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 1 लाख 359 यानी 96.5 प्रतिशत गोजातीय पशुओं का टीकाकरण किया गया और किसानों के लिए 1200 मृदा स्वास्थ्य कार्ड मुफ्त बनाए गए हैं। बुनियादी सुविधाओं में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 96.17 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है और 90 प्रतिशत पीएम-आवास को पूरा किया गया है। जिससे मूल निवासियों को पक्के घर उपलब्ध कराए जा सकें। कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से, लगभग 5000 नए परिवारों को एसएचजी में जोड़ा गया है, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सुरक्षित और आर्थिक रूप से उन्नत हुई है।