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हृदय विदारक सड़क दुर्घटना के बाद क्या हरकत में आएगा प्रशासन..?

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हृदय विदारक सड़क दुर्घटना के बाद क्या हरकत में आएगा प्रशासन ..


प्रदेश में इस तरह की पहली घटना, घटना के बाद भी ढोई जा रही सवारी


लोक सेवा न्यूज़ 24  रिपोर्टर । कवर्धा/खैरझिटी।


कवर्धा न्यूज़ –  तो मालवाहक उसे भी सवारी वाहन बनाकर क्षमता से अधिक सवारी ढोया जा रहा है। इससे दुर्घटनाएं हो रही है जिससे लोगों की जान आफत में आ रही है बावजूद न तो लोगों की लापरवाही कम हो रही है न ही विभाग की। लगभग माह भर पहले बेमेतरा में हृदयविदारक सड़क दुर्घटना में महिला व बच्चे सहित नौ लोगों की मौत हो गई थी। मालवाहक (पिकअप) से सवारी ढोया जा रहा था, जिसमें 30 से
अधिक लोग मौजूद थे। तेज रतार पिकअप अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराया। वहीं कल रात बाहपानी में हुई 19 लोगो की मौत क्षमता से अधिक सवारी बैठाएं जाने का कारण हुई। जिसके बाद भी आम लोग सबक नहीं ले रहे है और नहीं विभाग अपने नींद से जाग पाया है। यह कोई पहली बार हुई घटना नहीं है। यह घटना कबीरधाम के कई क्षेत्रों में हो चुका है। यह बहुत ही बड़ी लापरवाही है जब एक मालवालक को सवारी बनाकर ढोया जाता है।


जिम्मेदारों की नजर नहीं


अब अंदाजा लगाइए एक पिकअप वाहन जिसमें 15 लोग सही तरीके से खड़े नहीं हो सकते हैं, उसमें बड़ों के साथ बच्चों को बिठाकर यात्रा करायी जाती है। ऐसा भी नहीं है जिस वाहन में इतने सारे लोग खड़े हो और किसी भी जगह पुलिस या परिवहन विभाग के जिमेदारों की नजर न पड़ रही हो।

मालवाहक बराती ढोने का साधन भी बन गए

शादी ब्याह में भी इस तरह के नजारे आम है। ऐसे में मालवाहक बराती ढोने का साधन भी बन गया है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में कार बुकिंग कर ले जाने की परंपरा नहीं है। लोग सस्ते साधन ही चुनते हैं, जिसमें पिकअप, ट्रैक्टर ट्राली शामिल है। पुलिस और परिवहन विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा तो जिला प्रशासन को स्वयं जिमेदारी उठानी होगी ताकि इस तरह के लापरवाही से जानमाल की हानि और न हो।

लाखों रुपए ऐंठ रहे जिम्मेदार विभाग

जिले के आरटीओ और यातायात विभाग आदिवासियों के मौत से वाहन दुर्घटना यातायात और आरटीओ कार्य प्रणाली लचर प्रतीत हो रही है। जिले के एक मात्र चेक पोस्ट वैद्यय है जिले भर के नेशनल हाईवे सड़को पर खड़े हो कर प्रशासनिक वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली करते हुए देखा जाता है। दुर्ग आरटीओ के नाम पर बोड़ला में वन जांच नाका के पास हर महीने परिवहन का अवैध चैकिंग कर लाखों रुपए ऐठा जाता है। जहां तक आरटीओ विभाग कि बात करे तो अवैधानिक लाइशेंस आर्थिक लाभ के चलते बनाने में वयस्त रहती है। प्रशासन ने वैधानिक लाइसेंस बनाने की व्यवस्था कर रखी है इसके बावजूद कार्यलय में अवैधनिक दलालो की बाढ़ सी लगी रहती है। सायद यही कारण है कि अफसर कार्यलय से निकल नहीं पा रहे है। अवैधानिक वाहन परिवाहन पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं प्रतिदिन सैंकड़ो मालवाहक सड़को पर यात्री ढोते हुए देखे जा सकते है.

Lok Seva News 24

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